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आयोग की शक्ति
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, उत्तर प्रदेश राष्ट्रपति अधिनियम संख्या-1 सन् 1996 की धारा-9 की उपधारा (1) के अधीन अपने कृत्यों का पालन करते समय किसी वाद का विचारण करने वाले सिविल न्यायालय की सभी और विशेषत: निम्नलिखित बातों के सम्बन्ध में शक्तियाँ प्राप्त होगी।
किसी व्यक्ति को सम्मन करना और उसे उपस्थित होने के लिये बाध्य करना और शपथ पर उसका परीक्षण करना।
किसी दस्तावेज को प्रकट और प्रस्तुत करने की अपेक्षा करना।
शपथ-पत्रों पर साक्ष्य प्राप्त करने।
किसी न्यायालय का कार्यालय से किसी लोक दस्तावेज की या उसकी प्रतिलिपि की अधियाचना करना।
साक्षियों और दस्तावेजों की परीक्षा के लिये कमीशन जारी करना।
अन्य कोई विषय जो विहित किया जाये।
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